जीवन में किसी को कोई सुख दुख नही देता।पतन और उत्थान यह अपने द्वारा किए गए कर्मो का फल है।बिना मन से किए गए कार्य से सफलता कभी नही मिलती इसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है।यह बाते अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक राजन जी महाराज ने बड़हलगंज क्षेत्र के बगहा गांव में श्रद्धालुओ को कथा का रसपान कराते हुए सोमवार को कही।उन्होने कहा कि जिस घर में बाहर वृद्ध बैठे हो और अन्दर छोटे बच्चे हो वह घर सौभाग्यशाली होता है।हमारी संस्कृति वृद्धा आश्रम बनाने की नही बल्कि गोआश्रम बनाने की है।मनुष्य की ज्यादा प्रसंसा उसकी पतन का कारण होता है।मनुष्य अगर मन से राम का नाम ले तो वह अपने आप सर्वश्रेष्ठ कहलायेगा।उन्होंने राम कथा रसपान कराते हुए कहा कि राम भरत के भाइयो की मिशाल सभी को अपनाना चाहिए।आज्ञाकारी व्यक्ति सदैव सम्मान का हकदार होता है। इस दौरान किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर कंकेश्वरी नंद गिरी, श्रसदास जी महाराज,पूर्व प्रमुख विजय यादव,आयोजक राकेश सिंह, पूर्व प्रधान कमलेश सिंह,हरिशंकर उर्फ लल्लू सिंह,राजेश सिंह अदि लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।