मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचा रामलीला मैदान का विवाद,पार्षद पति पर बदनाम करने की साजिश का आरोप
By राजेश पांडेय अवध नगरी ब्यूरो चीफ      
रामलीला कमेटी के विवाद में नए तथ्य सामने आए हैं। कमेटी के लोगों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है
आरोप लगाया है कि तथ्यों के साथ पार्षद रामलीला कमेटी को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
रामलीला मैदान के विवाद का मामला अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। श्रीश्री रामलीला कमेटी (रजि) बर्डघाट ने आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत कर आरोप लगाया है कि सपा समर्थक पार्षद के पति के इशारे पर कमेटी को बदनाम करने की साजिश की गई है। उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
श्रीश्री रामलीला कमेटी (रजि) बर्डघाट ने मुख्यमंत्री से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि सपा समर्थक पार्षद के पति दिनेश गुप्ता रामलीला कमेटी को बदनाम कर रहे हैं। आरोप लगाया कि 10 नवंबर 2023 को इन्हीं पार्षद के एक तथाकथित करीबी द्वारा खोले जा रहे पेट्रोल पंप पर एनजीटी के निर्देश पर जीडीए की तरफ से सीज की कार्रवाई की गई थी। इस मामले में संगठन की तरफ से सहयोग नहीं मिलने पर उन्होंने रामलीला कमेटी को गलत ठहराना शुरू कर दिया। हालांकि,पार्षद पति ने आरोप को बेबुनियाद बताया। कहा,कमेटी साबित कर दे तो जानें। किसी पेट्रोल पंप से कोई लेना देना नहीं है।
कमेटी के महामंत्री हरिद्वार वर्मा ने शिकायत में कहा है कि बर्डघाट रामलीला कमेटी 150 वर्षों से भी पुरानी है। दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने रामलीला भवन का लोकार्पण किया था। कमेटी की ओर से धार्मिक कार्यों,जरूरतमंद कन्याओं के विवाह और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए परिसर का व्यावसायिक उपयोग का फैसला किया गया। इससे अर्जित आय से रामलीला मैदान में कई कार्य कराए गए। टेंडर निकाल कर इसके संचालन का जिम्मा एक पूर्व पार्षद को दिया गया।
अर्जित आय को प्रशासकीय निगरानी के लिए कमेटी की तरफ से कई संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर एक खाता खोले जाने का अनुरोध संगठन की तरफ से किया गया। लेकिन बैंक का खाता नहीं खुलवाया जा सका। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया के घर के सामने पार्षद के पति ने जमीन कब्जा कर मंदिर बनवाया। उन्होंने मंदिर के लोकार्पण के पहले भगवान के साथ अपने पिता की मूर्ति भी लगवा दी। दिनेश गुप्ता ने दावा किया कि कमेटी इसे साबित कर सकती है क्या? हमारी पुश्तैनी जमीन है वो। मनमाने आरोप लगाने से सच नहीं बदल जाएगा।
अध्यक्ष गणेश वर्मा ने आरोप लगाया कि सपा सरकार में दिनेश गुप्ता को जीडीए बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया था। शुरू से ही वह रामलीला कमेटी के लोगों पर अनर्गल आरोप लगवाकर सिर्फ बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
*वायरल वीडियो व्यापारी मिलन का- अध्यक्ष*
अध्यक्ष गणेश वर्मा ने दावा किया कि जिस वायरल वीडियो को रामलीला कमेटी का बताया जा रहा है,वह काफी पहले के एक व्यापारी मिलन कार्यक्रम का है। इसमें कोई गलत आचरण या किसी के साथ दुर्व्यवहार जैसी घटना नहीं हुई,इसमें वह भी शामिल थे। अब इसे रामलीला कमेटी के सदस्यों का बताकर सामाजिक छवि खराब की जा रही है।
*छह महीने पहले ही रामलीला की हो गई थी बुकिंग*
22 जनवरी को रामलीला मैदान से कृष्ण कुमार पटवा के बेटे की शादी में रामलीला मैदान की बुकिंग करवा ली थी। एक लाख 60 हजार रुपए देकर उनके द्वारा मैदान की बुकिंग करवाई गई थी। बुकिंग का काम टेंडर पाने वाले पूर्व पार्षद और आवेदक के बीच ही रहता है।
जिनके यहां शादी थी,परिवार के सदस्य ने बताया कि बुकिंग होने की वजह से अंदर तो नहीं,लेकिन गेट पर कुछ लोगों ने भंडारे और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किए थे। सराफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा ने बताया कि कई बार दिनेश को पूरी बात बताई गई थी। 14 जनवरी को पिता की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने वो भी आए थे। उनसे बताया कि बात कर देख लिया जाएगा कि क्या कोई व्यवस्था बन सकती है। लेकिन, उनके आग्रह पर एक पेपर के साथ फोटो खिंचवा लिया।
*परिवार के लोग तो थे ही,उन्होंने अन्य जगह मनाया श्रीराम महोत्सव*
रामलीला कमेटी के लोगों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत में बताया है कि 22 जनवरी को दिनेश गुप्ता अपने बेटी की सगाई में मुंबई में थे। जबकि,उनकी तरफ से दावा किया जा रहा कि रामलीला के भव्य आयोजन के लिए परिसर की मांग करने पर नहीं दिया गया। दिनेश गुप्ता ने कहा कि हम स्थानीय पार्षद हैं।
20 तारीख को अचानक से बेटी के सगाई की तारीख तय हो गई। आनन-फानन में पत्नी के साथ जाकर इसे पूरा किया। परिसर नहीं मिलने की वजह से परिवार और प्रतिनिधि ने दूसरी जगह राम लीला के भव्य आयोजन को मनाया। जब भी परिसर को धार्मिक कामों के लिए मांगा गया है,नहीं दिया गया।
पार्षद पति दिनेश गुप्ता ने बताया कि मेरी पत्नी की तरफ से कई बार रामलीला मैदान में धार्मिक आयोजन के लिए पत्र लिखा गया,लेकिन नहीं दिया गया। 22 जनवरी के लिए भी कई बार पत्रचार कर जगह मांगी गई थी। नहीं दी गई। वार्ड के पार्षद होने की वजह से जरूरतमंदों के लिए अक्सर जरूरत पड़ती है।पेट्रोल पंप से उनका या पत्नी का कोई लेना-देना नहीं है। इसकी जानकारी भी नहीं है।
वहीं अपर जिलाधिकारी पुरुषोत्तम दास गुप्ता ने बताया कि आरोपों को लेकर पक्ष रखने के लिए रामलीला कमेटी के मंत्री को पत्र लिखा था। उनकी ओर से कुछ जवाब दे दिए गए हैं और कुछ आने हैं।आरोपों की जांच कर संबंधित पटल पर रखवा दिया जाएगा।