महराजगंज। निचलौल क्षेत्र में निवासरत एकलौती हथिनी का आज हुआ निधन मौके पर डीएफओ रेंज,चीफ कंजीवेटर गोरखपुर जोन, मधवलिया रेंजर, व जिले के तमाम वनाधिकारी मौके पर पहुंचे और हथिनी के मौत के कारणों का जायजा लिया दिन भर अधिकारियों का आवागमन होता रहा।
बताते चलें कि इस क्षेत्र की यह हथनी तब चर्चा में आई थी जब निवर्तमान डीएफओ मनीष सिंह ने वैधानिक प्रमाण न होने के आधार पर बीते एक वर्ष पूर्व हथनी को सीज कर दिया था काफी मशक्कत और मान्य दस्तावेजो के उपलब्ध कराने पर हथनी को छोड़ा गया था। अक्सर हथनी क्षेत्र में टहलती हुई गाहे बगाहे दिख जाया करती थी वैसे तो क्षेत्र के पुराने रहीस कहे जाने वाले किर्चन महतो के घर एक जबानें से हथिया रहती रही हैं कभी इनके घर दो दो हथिया हुआ करती थी पर समय के साथ परिवर्तित वन नियमों के अनुसार जंगली जानवरों के रखने हेतु तमसम दस्तावेजों की जरूरत पड़ने लगी तो काफी लोगों ने तो हाथी रखना ही छोड़ दिया पर क्षेत्र के नाथू सिंह चौधरी ने रखा हुआ था।
बताया जाता है कि राजनैतिक रसूख के चक्कर मे कुछ लोगों ने जान बूझ कर परेशान करने की नीयत से वन विभाग द्वारा हथनी को सीज करा दिया था परंतु उस समय भी हथनी के खाने पीने का प्रबंध वास्तविक मालिक द्वारा ही किया जाता था।आज हथनी के मौत हो जाने से जहां सम्पूर्ण क्षेत्र में शोक व्याप्त है वही अधिकारियों का लगातार दौरा क्षेत्र में कौतूहल का विषय बना दिया है। क्षेत्र के शौकीन लोग हथनी को शादी विवाह और यज्ञ महोत्सव जैसे कार्यक्रम में किराए पर ले जाते थे और अपना रसूख साधते थे वैसे तो हथनी से जितने भी रुपये प्राप्त होते थे।वह उसे चलाने वाले महावत और उसके खर्च में कम पड़ जाता था बस एक पुरानी परंपरा और विराशत के तौर पर हथनी को मालिकों ने रखा हुआ था जो एक जबानें से परिवार के वँशो द्वारा रखा गया था।बताया जा रहा है कि जबसे हथनी का वन विभाग ने चालान किया था तभी से कमजोर व बीमार हो गई थी जिसका काफी दिनों से इलाज चल रहा था और आज उसका निधन हो गया।